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हाथरस कांड : बाबा की गलती से सबूत पर मिट्टी डालने तक… असल में वहां हुआ क्‍या था, क्या कहती है यूपी पुलिस की FIR

हाथरस कांड : बाबा की गलती से सबूत पर मिट्टी डालने तक… असल में वहां हुआ क्‍या था, क्या कहती है यूपी पुलिस की FIR?
यूपी :- हाथरस मामले में गंभीर धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर में इन सब बातों का जिक्र किया गया है और शुरुआती जांच के आधार पर केस दर्ज किया गया है. भारतीय न्‍याय संहिता के तहत यह FIR दर्ज हुई है. पढ़ें यूपी पुलिस की एफआईआर हूबहू
(हाथरस ): हाथरस में सत्‍संग के बाद मची भगदड़ की असल वजह क्‍या थी… भगदड़ तो हुई, लेकिन हुई क्‍यों और भीड़ महिलाओं और बच्‍चों को कुचलती हुई चली गई. इसमें मुख्‍य गलती किसकी थी.. यहां तक की गलती, सबूत तक छिपाने की कोशिश भी हुई. हाथरस मामले में गंभीर धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर में इन सब बातों का जिक्र किया गया है और शुरुआती जांच के आधार पर मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर समेत अन्य अज्ञात आयोजकों, सेवादारों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. भारतीय न्‍याय संहिता के तहत दर्ज एफआईआर में गैर इरादतन हत्या की धारा 105 और सबूत छिपाने की धारा 238 भी लगाई गई. हालांकि बड़ी बात ये है कि इस एफआईआर में जगत गुरु साकार विश्वहरि भोले बाबा का नाम नहीं है.
हाथरस पुलिस की ओर दर्ज की गई एफआईआर हूबहू पढ़‍िए..
प्रभारी निरीक्षक, थाना सिकन्दराराऊ जनपद हाथरस महोदय, अवगत कराना है कि दिनांक 02.07.2024 को थाना क्षेत्र सिकन्दराराऊ में ग्राम फुलरई मुगलगढ़ी के मध्य जीटी रोड के पास जगत गुरु साकार विश्वहरि भोले बाबा के सत्संग आयोजन का कार्यक्रम प्रस्तावित था, जिसके आयोजनकर्ता मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर पुत्र रामसिंह निवासी न्यू कालोनी, दमदपुरा कस्बा व थाना सि.राऊ जनपद हाथरस एवं अन्य सेवादार सहयोगी थे. आयोजनकर्ता द्वारा अपने संगठन के पूर्ववर्ती कार्यक्रमों में जुटने वाली लाखों की भीड़ की स्थिति को छिपाते हुए इस कार्यक्रम में करीब 80000 की भीड़ (श्रृद्धालु) इकट्ठा होने की अनुमति मांगी गई थी. इसको देखते हुए पुलिस-प्रशासन द्वारा एकत्र होने वाली भीड़ की सुरक्षा, शान्ति व्यवस्था एवं यातायात प्रबंधन किया गया, लेकिन इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रदेश के विभिन्न जनपदों एवं आसपस के राज्‍यों से लगभग ढाई लाख से अधिक श्रृद्धालुओं की भीड़ इकट्ठा हो गई, जिसके कारण एवं आयोजक द्वारा अनुमति की शर्तों का पालन न किए जाने के फलस्वरुप जीटी रोड पर यातायात बाधित हो गया, जिसे ड्यूटी पर नियुक्त पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इसे सामान्य किए जाने का प्रयास किया जा रहा था। कार्यक्रम के मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के प्रवचन के बाद अपनी गाड़ी में सवार होकर कार्यक्रम स्थल से निकलते समय दोपहर करीब 2 बजे श्रृद्धालुजन महिला, पुरुष व बच्चों द्वारा उनकी गाड़ी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना शुरु कर दिया गया. कार्यक्रम स्थल से निकल रही लाखों श्रृद्धालुओं की बेतहाशा भीड़ के दवाब के कारण नीचे बैठे, झुके श्रृद्धालु दबने-कुचलने लगे, चीखपुकार मच गई. जीटी रोड के दूसरी ओर लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में भरे पानी एवं कीचड़ में बेतहाशा दबती कुचलती भागती भीड़ को आयोजन समिति एवं सेवादारों द्वारा अपने हाथों में लिए डंडों से जबरदस्ती रोक दिया गया, जिसके कारण लाखों व्यक्तियों के भीड़ का दवाब बढ़ता चला गया और महिला, बच्चे एवं पुरुष दबते-कुचलते चले गए. भगदड में लगी चोटों से महिलाओं, बच्चों व पुरुषों की स्थति मरने के समान हो गई. मौके पर मौजूद पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा हरसभंव प्रयास करते हुए बामुश्किल लाखों की भीड़ के दबाव से दब-कुचल कर घायल/बेहोश हुए लोगों को उपलब्ध संसाधनों से अस्पताल भिजवाया गया, लेकिन आयोजनकर्ताओं एवं सेवादारों द्वारा कोई सहयोग नहीं किया गया। इस गंभीरतम घटना के कारण अनेक लोग घायल हो गए, जिनमें कई लोगों की मृत्यु हो गई. घायलों को जनपद हाथरस, अलीगढ़, एटा आदि के अस्पतालों में इलाज के लिए भिजवाया गया. घटना के संबंध में उच्चाधिकारियों को सूचित करते हुए राहत एवं बचाव कार्य के लिए अतिरिक्त पुलिस बल व संसाधनों की मांग की गई. आयोजनकर्ताओं के द्वारा कार्यक्रम में एकत्रित होने वाली भीड़ की संख्या को छिपाकर अत्याधिक लोगों को बुलाया गया था. साथ ही कार्यक्रम स्थल पर ट्रैफ‍िक नियंत्रण हेतु आयोजक द्वारा अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया गया। भीड के दवाब से बेतहाशा भाग रहे, गिर-पड़कर कुचल रहे लोगों को रोकने तथा इस घटना में घायल हुए व्यक्तियों के मौके पर छूटे सामान कपड़े, जूते, चप्‍पल को उठाकर निकटवर्ती खेत में फसल में फेंककर सबूतों को छिपाया गया. इस तरह आयोजकों एवं सेवादारों के इस कृत्य से बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए हैं और गंभीर रुप से घायल हैं. आयोजकों एवं सेवादारों का यह कृत्य भारतीय न्याय संहिता 2023 /105/110/126(2)/223/238 के तहत अपराध है

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