सरकार ने बजट में किसानों की मुख्य मांगों को हल करने का नहीं किया कोई प्रयास :- लखविंद्र सिंह औलख।।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) 18-19 अगस्त को तमिलनाडु के तिरछी में करेगा किसान महापंचायत ।।
सिरसा – ( अक्षित कम्बोज ) :- केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए प्रथम लोकसभा बजट में सरकार द्वारा एक बार फिर किसानों के साथ धोखा किया गया है। सरकार की वायदाखिलाफी के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) 18-19 अगस्त को तमिलनाडु के तिरछी में किसान महापंचायत करेगा, जिसमें देशभर से किसान पहुंचेंगे। उक्त बातें बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने किसान संगठनों की मीटिंग में बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस बजट से किसानों को बहुत निराशा हुई है। बजट में एमएसपी गारंटी कानून, किसानों व मजदूरों की कर्जमुक्ति एवं स्वामीनाथन आयोग के सी2+50 प्रतिशत फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी देने सम्बन्धी मुद्दों पर कोई भी कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कृषि बजट कुल बजट का 3.15 प्रतिशत रहा, जबकि किसान देश की आबादी का 50 फीसदी हिस्सा हैं और बजट मात्र 3.15 प्रतिशत। यह किसानों व मजदूरों के साथ घोर अन्याय है। औलख ने कहा कि सरकार ने बजट में खाद्यान तेल व दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए अभियान चलाने की बात कही, लेकिन जब तक एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनेगा, तब तक खाद्यान तेलों, दलों के मामलों में आत्मनिर्भरता व फसलों का विविधिकरण सम्भव नहीं है। सरकार ने खेती में 108 नई वैरायटी के बीजों को लाने की बात कही है, लेकिन सरकार को पहले इस बात का जवाब देना चाहिए कि हमारे देशी बीजों को संरक्षित करने के लिए सरकार क्या कर रही है? केंद्र सरकार की नीतियां किसानों को आत्मनिर्भरता से बाजार पर निर्भरता की तरफ लेकर जाने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने ये भी कहा कि पिछले 5 सालों में वित्त मंत्रालय ने जितना बजट कृषि मंत्रालय को दिया, उसमें से भी कृषि मंत्रालय ने 1 लाख करोड़ वापस लौटा दिया, जिससे यह साबित होता है कि वर्तमान सरकार खेती-किसानी के मुद्दों पर गंभीर नहीं है। औलख ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) की बैठक में तय किया गया कि 18 और 19 अगस्त को तमिलनाडु के तिरछी में होने वाली किसानों की बड़ी रैली में सभी नेता भाग लेंगे। दोनों मोर्चा द्वारा दिए गए आगामी कार्यक्रमों को लागू करने के लिए व दक्षिण भारत में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के विस्तार करने के लिए हुई मीटिंग में मुख्य तौर से जगजीत सिंह डल्लेवाल, कर्नाटक से कुर्बुरु शांताकुमार, तमिलनाडु से पी आर पांड्यन, तेलंगाना से वेंकटेश्वर राव, हरियाणा से लखविंदर सिंह औलख, सुखजीत सिंह हरदोझंडे, अभिमन्यु कोहाड़ आदि किसान नेता शामिल रहे। इस मौके परकिसान नेताओं ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) व किसान मजदूर मोर्चा द्वारा दिए गए सभी कार्यक्रमों को पूरे जोर-शोर से लागू करेंगे, जिसमें 1 अगस्त को एमएसपी गारंटी कानून के पक्ष में एवं किसानों के हत्यारे अधिकारियों को राष्ट्रपति मैडल दिए जाने के खिलाफ देशभर में जिला मुख्यालयों तक मार्च कर भाजपा के पुतले जलाए जलाएंगे। 15 अगस्त को किसान आंदोलन के समर्थन में देशभर में जिला स्तर पर ट्रैक्टर मार्च निकाले जाएंगे एवं 3 नए कानूनों बीएनएस की कॉपियां जलाई जाएंगी। 31 अगस्त को किसान आंदोलन-2 के 200 दिन पूरे होने पर किसानी मोर्चों पर होने वाली बड़ी महापंचायत में भी पूरे भारत के किसान नेता पहुंचेंगे। इसके बाद 15 सितम्बर को हरियाणा के जींद जिले में और 22 सितम्बर को कुरुक्षेत्र जिले में महापंचायत होंगी ।। @newstodayhry #newstodayhry