सरकार रास्ते रोकने की बजाय बातचीत से किसानों की मांगों का करें समाधान: लखविंद्र सिंह।।
सरकार रास्ते रोकने की बजाय बातचीत से किसानों की मांगों का करें समाधान: लखविंद्र सिंह।।


सिरसा-(अक्षित कंबोज):-भारतीय किसान एकता बीकेई के अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने प्रेस बयान में कहा कि सरकार किसानों की मांगों को स्वीकारने की बजाय एक अलग ही माहौल प्रदेश में बना रही है, जिसे लेकर किसानों में सरकार के प्रति भारी रोष है। बयान में औलख ने कहा कि 13 फरवरी 2024 से किसान अपनी मांगों को लेकर फिर से धरने पर है। संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक व किसान मजदूर मोर्चा की ओर से शांतमयी तरीके से लिए गए निर्णय के मुताबिक किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल किसानों की मांगों को लेकर 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर आमरण-अनशन पर बैठे है। सरकार द्वारा मानी हुई मांगों को लागू होने तक आमरण अनशन जारी रहेगा उसके लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए भी तैयार हैं औलख ने कहा कि किसान निर्धारित रूट के अनुसार ही शंभू मोर्चे से दिल्ली की ओर कूच करेंगे। इसके अलावा किसी अन्य रास्ते से दिल्ली में नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व की भांति सरकार की ओर से सिरसा जिला के आसपास लगते क्षेत्रों में बेरिकेडिंग की जा रही है, जिसके कारण आमजन को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। औलख ने कहा कि पूर्व में भी सरकार ने किसानों को रोकने के लिए प्रमुख मार्गों को अवरोधक व लोहे की कीलें लगाकर रोक दिया था, जिसके कारण आमजन को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी थी। किसान नहीं चाहते कि उनके कारण आमजन को कोई परेशानी आए। किसान शांति से अपने संघर्ष को अंजाम दे रहा है, लेकिन सरकार बार-बार किसानों को आंदोलन के लिए उकसा रही है। सरकार द्वारा पूर्व में आंदोलन के दौरान भी लोगों का काफी नुकसान हुआ था और भविष्य में नुकसार न हो, इसके लिए सरकार को बातचीत से किसानों की समस्याओं का हल करना चाहिए। औलख ने कहा कि देश के उपप्रधानमंत्री जगदीप धनखड़ ने भी किसानों की मांगों को जायज ठहराते हुए सरकार से आह्वान किया कि वे किसानों की मांगों को तुरंत प्रभाव से पूरा करे। किसान अपने हकों के लिए निरंतर संघर्ष कर रहे है।। #newstodayhry