

सिरसा-(अक्षित कंबोज):-सिरसा में एक 47 वर्षीय महिला को कठिन समय का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि वह बाइलेटरल वैरिकाज़ वेन्स (सूजी हुई और टेढ़ी-मेढ़ी नसों) के कारण अपने पैरों में तेज दर्द का अनुभव कर रही थी। उसकी स्वास्थ्य स्थिति के कारण न केवल उसके पैरों में अत्यधिक भारीपन और सूजन थी, बल्कि उसके टखनों के आस-पास की त्वचा भी काली पड़ गई थी। दर्द सहन करने में असमर्थ, रोगी ने हाल ही में फोर्टिस अस्पताल मोहाली के वैस्कुलर सर्जरी के डायरेक्टर डॉ. रावुल जिंदल से संपर्क किया। मरीज के पैर का अल्ट्रासाउंड किया गया, जिसमें वाल्व में खराबी पाई गई। मीडिया से बात चीत करते हुए डॉ. जिंदल ने बताया कि मरीज की स्थिति बाइलेटरल लेग वैरिकोज वेन्स है। मरीज ने हाल ही में लेजर एब्लेशन और फोम स्क्लेरोथेरेपी के साथ रोगग्रस्त नस का सफल लेजर उपचार करवाया। लेजर एब्लेशन का उपयोग क्रोनिकल वेनस बीमारी से होने वाली वैरिकाज़ नसों के उपचार और प्रबंधन के लिए किया जाता है, जबकि फोम स्क्लेरोथेरेपी उभरी हुई वैरिकाज़ नसों और स्पाइडर नसों के उपचार के लिए की जाती है। प्रक्रिया के उसी दिन मरीज़ को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और वह चलने-फिरने के साथ घर वापस आ गयीं। वह आज सामान्य जीवन जी रही हैं। वैरिकोज वेन्स के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. जिंदल ने कहा,वैरिकोज नसे पैर के किसी भी हिस्से में हो सकती हैं, लेकिन ज़्यादातर ये जांघों और पिंडलियों पर होती हैं जो लगातार लंबे समय तक खड़े रहने और ज़ोरदार काम करने की वजह से होती हैं। यह बीमारी वेनस सिस्टम्स की खराबी की ओर इशारा करती है और इसका मूल्यांकन वैस्कुलर सर्जरी विशेषज्ञ द्वारा किया जाना चाहिए। डॉ. जिंदल ने कहा कि वैरिकोज नसों का इलाज नवीनतम तकनीकी प्रगति के माध्यम से सफलतापूर्वक किया जा सकता है। वैरिकोज नसों के लिए कई तरह के उन्नत उपचार विकल्प उपलब्ध हैं। यह प्रक्रिया कम दर्दनाक है और इसमें लगभग 30 मिनट लगते हैं। मरीज जल्दी ठीक हो जाता है और प्रक्रिया के एक घंटे के भीतर घर जा सकता है। इसके अलावा इसमें कम दवाइयाँ और प्रक्रिया के बाद की देखभाल भी कम होती है।। #newstodayhry