

सिरसा-(अक्षित कंबोज):-आज सोमवार को सिरसा से खनौरी बोर्डर किसान मोर्चे की ओर किसानों ने पैदल मार्च शुरू कर दिया है। खनौरी मोर्चे से भारतीय किसान एकता बीकेई के प्रदेश अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस प्रकार से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूरी करवाने के लिए धार्मिक स्थलों की ओर पैदल यात्रा करते हैं उसी प्रकार किसान मोर्चे को समर्पित किसानों ने अपने किसान मसीहा जगजीत सिंह डल्लेवाल साहब ओर मोर्चे की सफलता के लिए नाजर सिंह खाई_शेरगढ़ और भीम न्यौल के नेतृत्व में सिरसा से खनौरी मोर्चे से की ओर आज पैदल यात्रा शुरू कर दी है। औलख ने कहा कि आज 23 दिसंबर का दिन कहने सुनने को तो किसान दिवस है।परन्तु सरकार की गलत नीतियों के कारण कारण किसान बरसात के मौसम में भी सड़कों पर बैठने को मजबूर है। औलख ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री द्वारा मानी गई मांगों को पूरी करवाने के लिए देश के सबसे बड़े किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल साहब को भूख हड़ताल पर बैठे आज 28 दिन बीत चुके हैं तथा मोर्चा 315वें दिन में प्रवेश कर चुका है।परन्तु अभी तक सरकार ने किसानों की कोई सुध नहीं ली है। उन्होंने कहा कि भगवान के बाद अगर किसी से उम्मीद की जा सकती है तो वे हमारी न्यायिक अदालतें होती हैं। परन्तु डल्लेवाल साहब की नाजुक हालत और देश के अन्नदाता की किसी को भी चिंता नहीं है। यहां तक कि देश की सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को किसानों की जायज मांगों को लेकर कोई सख्त आदेश जारी नहीं किया है। माननीय सुप्रीम कोर्ट भी पंजाब सरकार को ही डल्लेवाल साहब के इलाज का आदेश दे रहे हैं। जबकि डल्लेवाल साहब दोनों फॉर्मों से सलाह करके अपनी जायज मांगें मनवाने तक आमरण अनशन पर बैठे हैं। जो कि आमरण अनशन में इलाज़ का कोई स्थान ही नहीं होता। औलख ने बताया कि आम जनता की भावनाएं किसान मोर्चे से जुड़ी हुई हैं इसलिए किसान मोर्चे को विभिन्न धार्मिक, समाजिक, व्यापारी संगठनों के साथ साथ गीतकार, संगीतकारों का भरपूर समर्थन मिल रहा है और मोर्चे पर दिन प्रतिदिन हजारों की संख्या में इज़ाफ़ा हो रहा है। उन्होंने बताया कि जिनके साथ इतनी बड़ी संख्या में लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हों वे कभी हार नहीं सकते, यह सरकार को देखना है कि वे कितने और किसानों की शहादत लेकर मानेगी।। #newstodayhry @newstodayhry