

गुरुग्राम-(पायल शर्मा):- मानेसर को जिला बनाए जाने की चर्चा के साथ ही पटौदी को भी जिला बनाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। पटौदी के सर्व समाज के लोग यह स्पष्ट मांग कर रहे हैं कि उनके क्षेत्र को जिला का दर्जा दिया जाए। वहीं, फरुखनगर इलाके के युवाओं का मानना है कि मानेसर और पटौदी को जिला बनाने से उतना लाभ नहीं मिलेगा, जितना ‘ग्रेटर गुरुग्राम’ नाम मिलने से होगा। पटौदी को जिला बनाने की मांग ने पकड़ी रफ्तार पटौदी को जिला बनाने की मांग विद्वानों और स्थानीय नेताओं द्वारा लगातार उठाई जा रही है। यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि हर क्षेत्र अपने विकास और पहचान की उम्मीद करता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि नए जिले का नाम मानेसर या पटौदी रखा गया, तो गुरुग्राम जिले से अलग होने के कारण इसका ब्रांड वैल्यू कमजोर हो सकती है। ‘ग्रेटर गुरुग्राम’ नाम से मिलेगी पहचान और विकास गुरुग्राम, एक मजबूत ब्रांड के रूप में, देश और विदेश में प्रसिद्ध है। इस स्थिति में, नए जिले का नाम ‘ग्रेटर गुरुग्राम’ रखना एक ऐसा समाधान हो सकता है, जिससे हर पक्ष को संतोष हो। यह नाम न केवल क्षेत्र की वैश्विक पहचान को बनाए रखेगा, बल्कि विकास की संभावनाओं को भी मजबूत करेगा। सरकार से ‘ग्रेटर गुरुग्राम’ की मांग इस पूरे विवाद के बीच, विशेषज्ञों और युवाओं का सुझाव है कि सरकार से अपील की जानी चाहिए कि नए जिले का नाम ‘ग्रेटर गुरुग्राम’ रखा जाए। यह प्रस्ताव गुरुग्राम के ब्रांड वैल्यू को सुरक्षित रखते हुए मानेसर और पटौदी दोनों क्षेत्रों की अपेक्षाओं को भी पूरा कर सकता है। इस तरह ‘ग्रेटर गुरुग्राम’ का नाम क्षेत्र के विकास, पहचान और ब्रांडिंग को संतुलित करने का एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।। #newstodayhry @newstodayhry