उत्तर भारत में पहली बार हुआ डबल-हैंड ट्रांसप्लांट, अमृता हॉस्पिटल ने रचा इतिहास।।
उत्तर भारत में पहली बार हुआ डबल-हैंड ट्रांसप्लांट, अमृता हॉस्पिटल ने रचा इतिहास।।
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फरीदाबाद-(शिवम शर्मा):- फरीदाबाद के डॉक्टरों ने उत्तर भारत का पहला डबल-हैंड ट्रांसप्लांट कर नया इतिहास रच दिया है। इस ऐतिहासिक सर्जरी में पाँच अलग-अलग अंगों का प्रत्यारोपण किया गया, जिससे पाँच मरीजों को नया जीवन मिला। यह चमत्कारी ट्रांसप्लांट संभव हुआ एक 76 वर्षीय महिला डोनर की वजह से, जो एक सेना अधिकारी की पत्नी थीं। ब्रेन हेमरेज से निधन के बाद उनके परिवार ने किडनी, लीवर, कॉर्निया और हाथ दान करने का बड़ा फैसला लिया।
पाँच मरीजों को नया जीवन मिला
इस ट्रांसप्लांट से उत्तराखंड की ट्विंकल डोगरा, जो ऋषिकेश स्थित AIIMS में पीएचडी स्कॉलर हैं, को नया जीवन मिला। 2015 में एक हादसे में ट्विंकल ने अपने दोनों हाथ गंवा दिए थे, लेकिन इस सर्जरी ने उनकी जिंदगी बदल दी। अमृता हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने दोनों हाथों का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया, और अब वे धीरे-धीरे अपने हाथों का इस्तेमाल कर पा रही हैं। अमृता हॉस्पिटल के प्लास्टिक और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. मोहित शर्मा ने इस ट्रांसप्लांट पर कहा, यह भारत के मेडिकल इतिहास की बड़ी उपलब्धि है। हाथ का प्रत्यारोपण बेहद चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि इसमें त्वचा, हड्डियाँ, नसें और मांसपेशियाँ शामिल होती हैं। इस सर्जरी की सफलता ऑर्गन डोनेशन के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगी। अमृता हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने साफ किया कि अंगदान के लिए उम्र कोई बाधा नहीं होती। 76 साल की महिला के अंग पूरी तरह स्वस्थ थे और उनकी बदौलत पाँच जिंदगियाँ बचाई जा सकीं।
अंगदान को लेकर लोगों में जागरूकता
इस बड़ी उपलब्धि के बाद मेडिकल एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि अंगदान को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ेगी। अगर ज्यादा लोग आगे आएं, तो हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है अगर आप भी किसी को नया जीवन देना चाहते हैं, तो ऑर्गन डोनेशन के लिए आगे आएं और किसी की जिंदगी बचाने में मदद करें।। newstodayhry @newstodayhry