रैकेटबॉल के क्षेत्र में सिरसा ने रचा नया इतिहास, राष्ट्रीय चैंपियनशिप का शुभारंभ।।
रैकेटबॉल के क्षेत्र में सिरसा ने रचा नया इतिहास, राष्ट्रीय चैंपियनशिप का शुभारंभ।।


सिरसा-( कश्मीर कम्बोज ):- भारत के खेल परिदृश्य में मंगलवार को एक नया अध्याय जुड़ गया। हरियाणा के सिरसा जिले में पहली बार रैकेटबॉल कोर्ट की स्थापना के साथ ही राष्ट्रीय रैकेटबॉल चैंपियनशिप का भव्य शुभारंभ हुआ। यह ऐतिहासिक आयोजन द माउंट स्कूल, सूरतिया, सिरसा में हुआ, जो 27 मार्च तक जारी रहेगा। इस आयोजन ने न केवल हरियाणा में, बल्कि पूरे उत्तर भारत में रैकेटबॉल को एक नई पहचान दिलाने का मार्ग प्रशस्त किया है। इस विशेष अवसर पर अमेरिका से दो विश्व प्रसिद्ध खिलाड़ी भारत पधारे, जिन्होंने भारतीय खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देकर इस खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में योगदान दिया।
अमेरिका के प्रसिद्ध खिलाड़ियों ने दी ट्रेनिंग
इस आयोजन की शोभा बढ़ाने के लिए अमेरिका से दो दिग्गज खिलाड़ी सिरसा पहुंचे। इनमें विश्व के शीर्ष 10 पेशेवर खिलाड़ियों में शामिल थॉमस कार्टर और 55+ आयु वर्ग में शीर्ष 4 शौकिया खिलाड़ियों में शुमार आलोक मेहता, जो भारतीय रैकेटबॉल संघ के सह-अध्यक्ष भी हैं, शामिल हैं। दोनों खिलाड़ियों ने सिरसा में प्रशिक्षण शिविर, क्लीनिक और टूर्नामेंट का नेतृत्व किया। थॉमस कार्टर ने विशेष रूप से युवा खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया और उन्हें पेशेवर स्तर की बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने खेल की तकनीकों, स्टेमिना बढ़ाने के तरीकों और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के गुर सिखाए। वहीं, आलोक मेहता ने भारत में रैकेटबॉल के प्रचार-प्रसार में अपनी अहम भूमिका निभाई और इस खेल को जमीनी स्तर तक ले जाने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों खिलाड़ियों ने भारतीय प्रतिभागियों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्रदान करते हुए उन्हें वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने का संकल्प लिया।
भारतीय जनता पार्टी की जिला डबवाली की जिलाध्यक्ष रेनू शर्मा ने खेलों का शुभारंभ किया
हरियाणा के सिरसा जिले में आयोजित रैकेटबॉल राष्ट्रीय चैंपियनशिप के उद्घाटन समारोह में बीजेपी की जिला डबवाली की नवनिर्वाचित जिलाध्यक्ष रेनू शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रेनू शर्मा ने खेलों के महत्व को समझते हुए इस आयोजन का उद्घाटन किया और युवाओं को प्रोत्साहित किया। उनकी उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी भव्य बना दिया और खेलों के प्रति उनके योगदान को स्पष्ट रूप से दर्शाया।
खेलों के प्रति रेनू शर्मा का उत्साह
रेनू शर्मा ने उद्घाटन समारोह के दौरान अपने संबोधन में कहा, “खेल जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं, जो न केवल शारीरिक विकास में मदद करते हैं, बल्कि मानसिक विकास और समाजिक एकजुटता के लिए भी जरूरी हैं। आज के बच्चे कल के भविष्य हैं, और उनकी सफलता की कुंजी खेलों में छिपी है।” रेनू शर्मा ने खेलों को न केवल मनोरंजन का एक तरीका बताया, बल्कि यह भी कहा कि खेलों के माध्यम से युवा पीढ़ी को अनुशासन, मेहनत और टीम वर्क जैसी महत्वपूर्ण बातें सीखने का अवसर मिलता है।
खेलों के माध्यम से नशे से मुक्ति की अपील
रेनू शर्मा ने अपनी स्पीच में खेलों को नशे जैसी बुरी आदतों से मुक्ति के एक प्रमुख उपाय के रूप में भी प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “आजकल हमारे समाज में नशे की समस्या तेजी से बढ़ रही है, और ऐसे में युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है। खेल न केवल शारीरिक रूप से मजबूत करते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी यह बच्चों को मजबूत बनाते हैं और उन्हें सकारात्मक दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करते हैं।” उन्होंने बच्चों से अपील की कि वे अपने समय का सही उपयोग करें और खेलों में भाग लेकर नशे जैसी बुराइयों से दूर रहें।
समाज में सकारात्मक बदलाव की आवश्यकता
रेनू शर्मा ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि खेलों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा, “हमारे समाज में बहुत से सामाजिक मुद्दे हैं, जिनमें नशा, बेरोजगारी और अपराध की दर बढ़ रही है। अगर हम खेलों को बढ़ावा देंगे, तो यह हमारे बच्चों को एक दिशा देगा और वे न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत होंगे।” उन्होंने इस आयोजन को एक कदम और सामाजिक बदलाव की ओर बढ़ाया और विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में खेलों का समाज में और भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
प्रेरणादायक भूमिका का निर्वाहन
रेनू शर्मा की उपस्थिति और उनके प्रेरणादायक शब्दों ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया। उनके नेतृत्व में डबवाली और सिरसा क्षेत्र में खेलों को एक नया मुकाम मिलेगा। उन्होंने इस आयोजन के आयोजकों की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि खेलों के माध्यम से बच्चों में आत्मविश्वास और अनुशासन की भावना का विकास होता है, जो उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। रेनू शर्मा ने यह भी कहा कि आने वाले समय में डबवाली और आसपास के क्षेत्रों में और अधिक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा, ताकि युवा पीढ़ी को खेलों के प्रति और अधिक जागरूक किया जा सके।
उद्घाटन समारोह में वरिष्ठ अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस ऐतिहासिक आयोजन के उद्घाटन समारोह में वरिष्ठ अतिथि के रूप में स्वामी रमेश साहूवाला, प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, श्रीमती कंचन कटारिया, मिसेज इंडिया 2019, और यंग साइबर बॉय डॉ. पीयूष शर्मा उपस्थित रहे। इन विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और भी यादगार बना दिया। स्कूल प्रबंधक गुरदियाल सिंह और गुरबेअंत सिंह ने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर अतिथियों ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए खेल भावना और मेहनत की महत्ता पर प्रकाश डाला।
सिरसा में रैकेटबॉल को मिली नई पहचान
द माउंट स्कूल में स्थापित यह रैकेटबॉल कोर्ट हरियाणा के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। इस खेल के प्रति युवाओं में बढ़ती रुचि को देखते हुए आयोजकों का मानना है कि यह चैंपियनशिप नई प्रतिभाओं को सामने लाएगी। प्रशिक्षण शिविरों और कार्यशालाओं के माध्यम से खिलाड़ियों को न केवल तकनीकी जानकारी दी गई, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और अनुशासन जैसे गुणों से भी परिपूर्ण किया गया। यह आयोजन रैकेटबॉल को एक लोकप्रिय खेल के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
खेल को देश के हर कोने तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध: आलोक
आलोक मेहता ने बताया कि भारतीय रैकेटबॉल संघ इस खेल को देश के हर कोने तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में और अधिक प्रशिक्षण शिविर और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी, ताकि भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें। वहीं, थॉमस कार्टर ने भारतीय खिलाड़ियों की प्रतिभा की सराहना की और कहा कि वे जल्द ही वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ने में सक्षम होंगे। 27 मार्च तक चलने वाली यह चैंपियनशिप न केवल खेल प्रेमियों के लिए, बल्कि सिरसा के स्थानीय निवासियों के लिए भी गर्व का विषय है। इस आयोजन ने साबित कर दिया कि भारत में खेलों के प्रति जागरूकता और उत्साह बढ़ रहा है।
मिसेज इंडिया डीवा 2019 कंचन कटारिया ने खेलों के दौरान बच्चों की प्रशंसा की
हरियाणा के सिरसा जिले में आयोजित रैकेटबॉल राष्ट्रीय चैंपियनशिप के उद्घाटन समारोह में मिसेज इंडिया डीवा 2019 कंचन कटारिया की उपस्थिति ने कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए। उन्होंने न केवल खेलों के महत्व को लेकर अपनी बात रखी, बल्कि खेलों में भाग ले रहे बच्चों और युवा खिलाड़ियों की मेहनत और समर्पण की भी सराहना कीकंचन कटारिया ने अपने उद्घाटन भाषण में बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा, “खेल सिर्फ एक शारीरिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह एक मानसिक चुनौती भी है। खेलों के दौरान बच्चों में जो अनुशासन, आत्मविश्वास और सामूहिक कार्य की भावना विकसित होती है, वही उन्हें जीवन के अन्य पहलुओं में भी मदद करती है।” उन्होंने खेलों के माध्यम से न केवल शारीरिक विकास की बात की, बल्कि यह भी कहा कि युवा पीढ़ी को मानसिक रूप से सशक्त करने के लिए खेलों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
खेलों के साथ सामाजिक बदलाव की आवश्यकता
मिडिया सलाहकार कश्मीर कम्बोज ने कहा कि हमारे देश में आजकल नशे की समस्या युवाओं में बढ़ती जा रही है। ऐसे में, खेलों को एक प्रमुख विकल्प के रूप में देखा जा सकता है। कंचन कटारिया ने बच्चों से यह अपील की कि वे अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाकर नशे जैसी बुरी आदतों से दूर रहें। उन्होंने कहा, “जब युवा खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाते हैं, तो वे न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि खेलों में भाग लेकर बच्चे आत्म-नियंत्रण और संघर्ष की भावना सीखते हैं, जो उन्हें न केवल खेल में बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सफलता दिलाती है। कंचन ने जोर देकर कहा कि खेलों के प्रति रुचि और मेहनत से बच्चों को नशे जैसी बुराइयों से बचाया जा सकता है और उन्हें एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर मार्गदर्शन किया जा सकता है। खेल केवल एक शारीरिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक बदलाव का भी प्रतीक है। जब हम बच्चों को खेलों के माध्यम से सकारात्मक दिशा में मार्गदर्शन करते हैं, तो हम न केवल उनके शारीरिक विकास में योगदान देते हैं, बल्कि हम समाज में व्याप्त नशे जैसी समस्याओं को भी दूर कर सकते हैं। उनकी इस बात से यह स्पष्ट होता है कि खेलों का सामाजिक परिवर्तन में भी अहम योगदान हो सकता है। खेलों के माध्यम से बच्चे अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाते हैं, जो उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके साथ ही, यह उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है, जो जीवन में सफलता की कुंजी है।
बच्चों को प्रेरित करते हुए कार्टर ने क्या कहा?
बच्चों को खेलों के दौरान सिखाई जाने वाली बातों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, “खेलों के दौरान हम जो सबसे महत्वपूर्ण सीखते हैं वह है अनुशासन, मेहनत और टीम स्पिरिट। खेल हमें यह सिखाते हैं कि जीत या हार, दोनों ही एक यात्रा का हिस्सा हैं। हर खेल में कुछ न कुछ सीखने को मिलता है, जो हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।” कार्टर ने यह भी कहा कि हर बच्चा एक विजेता है, चाहे उसने प्रतियोगिता जीती हो या हार का सामना किया हो। “महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आपने कितनी प्रतियोगिताएँ जीतीं, बल्कि यह है कि आपने कितनी मेहनत की और हर चुनौती को किस प्रकार पार किया। यही सच्ची जीत है,” कंचन ने कहा। सिरसा में रैकेटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन न केवल इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक पल था, बल्कि यह पूरे उत्तर भारत में खेलों के प्रति बढ़ती जागरूकता का प्रतीक भी बना। कंचन कटारिया ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से युवाओं में खेलों के प्रति उत्साह और जागरूकता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि सिरसा में इस चैंपियनशिप का आयोजन न केवल इस खेल के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात है।
कई विशिष्ट अतिथियों ने कार्यक्रम में शिरकत की
इस अवसर पर कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान मिसेज इंडिया डीवा 2019 भी मौजूद रही। रोड़ी से हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य कुलदीप सिंह फगु और उनके साथ कई गांव के सरपंच भी इस आयोजन में शामिल हुए। तीन दिवसीय चैंपियनशिप के दौरान दूसरे दिन पंजाबी एक्टर और डायरेक्टर आशीष बजाज भी कार्यक्रम में पहुंचे।
आयोजन को सफल बनाने में जुटे कई लोग
तीन दिवसीय चल रहे खेलों के दौरान क्रैकर जैक इमीग्रेशन एजुकेशन कंसलटेंट डायरेक्ट एंड फाउंड मिस्टर अतुल कुमार ठकराल ने आए हुए अतिथियों और खिलाड़ियों का समिति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इंडियन रैकेटबॉल ब्रैकेट संगठन के राष्ट्रियाध्यक्ष नन्द सिंह कौड़ी व् डायरेक्टर मीडिया एडवाइजर कश्मीर कंबोज ने इस आयोजन को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।
मीडिया से सहयोग की सराहना
आलोक मेहता और थॉमस कार्टर ने मीडिया से मिलने वाले सहयोग की भी सराहना की। न्यूज पेपर, सोशल मीडिया, यूट्यूब चैनल न्यूज़ टुडे और द दस्तक टीवी का इस आयोजन में अहम योगदान रहा। आलोक मेहता और थॉमस कार्टर की उपस्थिति और उनकी प्रेरणादायक बातों ने इस कार्यक्रम को और भी खास बना दिया। उन्होंने खेलों के माध्यम से बच्चों को न केवल स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा दी, बल्कि उन्हें यह भी समझाया कि खेलों का अनुशासन, मेहनत और समर्पण उनके जीवन को एक नई दिशा दे सकता है। कंचन के शब्दों ने सभी बच्चों को यह एहसास दिलाया कि वे जितना मेहनत करेंगे, उतना ही वे न केवल खेल में बल्कि जीवन में भी सफलता हासिल करेंगे। यह आयोजन सिरसा और भारत में खेलों के महत्व को बढ़ाने का एक कदम था, जो आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगा। कंचन कटारिया जैसे व्यक्तित्व का इस आयोजन में होना न केवल खेलों की सराहना करता है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के प्रयासों को भी बढ़ावा देता है।
शिरकत करने वाले अतिथियों ने सराहा आयोजन
इस आयोजन को देखते हुए शिरकत करने वाले सभी अतिथियों ने द माउंट स्कूल सूरतिया के संचालक सरदार गुरबेअंत सिंह और सरदार दीदार सिंह की कार्यशैली की सराहना की। उनकी प्रशंसा करते हुए सभी ने इस आयोजन को सफल बनाने में उनके योगदान की सराहना की। यह चैंपियनशिप सिरसा के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुई है, और इससे यह साबित हुआ कि रैकेटबॉल को भारत में एक लोकप्रिय खेल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।
न्यूज़ टुडे की ओर से खेलों को लेकर विशेष अपील
खेलों का महत्व और युवाओं के लिए दिशा
आज के आधुनिक युग में जहाँ डिजिटल दुनिया ने जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित किया है, वहीं खेलों का महत्व आज भी उतना ही अधिक है। खेल न केवल शरीर को चुस्त और तंदरुस्त रखते हैं, बल्कि यह मानसिक विकास और समाजिक एकता को भी प्रोत्साहित करते हैं। यही कारण है कि खेलों को सिर्फ एक मनोरंजन के रूप में नहीं, बल्कि जीवन की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता के रूप में देखना चाहिए।
खेलों के जरिए शारीरिक और मानसिक विकास
खेलों का नियमित अभ्यास न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है, बल्कि मानसिक मजबूती भी प्रदान करता है। आजकल की युवा पीढ़ी, जो अक्सर तकनीकी उपकरणों में घिरी रहती है, उन्हें शारीरिक गतिविधियों की आवश्यकता है ताकि वे मानसिक रूप से भी स्वस्थ रह सकें। खेलों के द्वारा, बच्चों और युवाओं में अनुशासन, टीमवर्क, और निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है, जो उन्हें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
नशे और अन्य सामाजिक बुराइयों से मुक्ति
खेलों का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि ये नशे जैसी बुरी आदतों से बचने का सबसे प्रभावी उपाय हैं। आजकल, युवाओं में नशे की लत बढ़ती जा रही है, लेकिन खेलों में भाग लेकर, बच्चों और युवाओं को एक सकारात्मक दिशा मिल सकती है। खेल न केवल उन्हें शारीरिक रूप से स्वस्थ रखते हैं, बल्कि यह उन्हें आत्मविश्वास, समर्पण, और कठिनाइयों से जूझने की क्षमता भी प्रदान करते हैं। अगर हम बच्चों को खेलों की ओर प्रोत्साहित करें, तो यह न केवल उनके शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देगा, बल्कि उनके मानसिक और सामाजिक विकास में भी योगदान करेगा।
समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए खेलों को बढ़ावा दें
खेलों को बढ़ावा देने का एक और महत्वपूर्ण कारण यह है कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक प्रभावी तरीका है। जब बच्चे खेलों में हिस्सा लेते हैं, तो वे सामाजिक एकता, आपसी समझ और टीमवर्क का महत्व समझते हैं। खेलों के द्वारा हम बच्चों को एक बेहतर इंसान बनाने में मदद कर सकते हैं, जो न केवल अपने लिए, बल्कि अपने समाज के लिए भी योगदान देने के लिए तैयार हो।
न्यूज़ टुडे की अपील: खेलों में भाग लें और अपने जीवन को बेहतर बनाएं
न्यूज़ टुडे की ओर से हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वे अपने बच्चों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। खेलों में हिस्सा लेना बच्चों को शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक दृष्टिकोण से मजबूत बनाता है। हमें यह समझना होगा कि खेल सिर्फ एक शारीरिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह जीवन के मूल्य और सिद्धांतों को सीखने का एक बेहतरीन तरीका है। हम चाहते हैं कि हमारे देश के हर कोने में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़े और बच्चे, युवा, और यहां तक कि वयस्क भी खेलों में अपनी रुचि दिखाएं। यह न केवल उनकी सेहत के लिए अच्छा होगा, बल्कि यह हमारे समाज को एकजुट करने में भी मदद करेगा।
आइए, हम सब मिलकर एक स्वस्थ, मजबूत और खुशहाल समाज के निर्माण में योगदान दें और खेलों को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं। खेलों के माध्यम से एक बेहतर कल की ओर कदम बढ़ाएं, और हमारे देश को एक खेल प्रेमी राष्ट्र के रूप में स्थापित करें।। #newstodayhry @newstodayhry