गुरुग्राम को जलभराव से मुक्त करना केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है।।
गुरुग्राम को जलभराव से मुक्त करना केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है।।


गुरुग्राम-(पायल शर्मा):- गुरुग्राम में जलधारा की समस्या से निपटने के लिए लगातार प्रशासन दावे कर रहा है तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आदेश के बाद अब अधिकारी और एक्टिव हो गए हैं…सीएम ने अधिकारियों का आदेश जारी किए हैं कि इस बार गुरुग्राम में जल भराव की स्थिति उत्पन्न ना हो इसके लिए धरातल पर सभी कार्य पूरे किए जाने चाहिए। एक तरफ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर इस पर आदेश जारी किया तो दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री राव नरवीर सिंह ने भी अधिकारियों को यह कहा है कि इस बार गुरुग्राम में जल भराव की समस्या से निपटने के लिए तमाम कदम पुख्ता तरीके से उठाए जाने चाहिए…गुरुग्राम जल भराव की समस्या एक ऐसी समस्या है जो विधानसभा से लेकर देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा में भी उठ चुका है लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं लेकिन दूसरी तरफ प्रशासन दावा कर रहा है कि इस बार जल भराव नहीं होगा।
गुरुग्राम को जलभराव से मुक्त करना केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है। निगम व प्राधिकरण ने जलभराव के जो भी क्रिटिकल पॉइंट्स चिन्हित किए हैं। उन प्रत्येक पॉइंट्स पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाए ताकि किसी भी स्तर पर लापरवाही मिलने पर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जा सके। उन्होंने पानी की निकासी के लिए आवश्यक उपायों को प्राथमिकता देने और समस्या की जड़ तक पहुंचने के लिए स्थायी समाधान निकालने की सलाह दी। निगम व प्राधिकरण के अधिकारी जलभराव को लेकर किए जा रहे उपायों व उसकी प्रगति रिपार्ट निरन्तर उनके कार्यालय तक भिजवाना सुनिश्चित करें। जिन स्थानों पर ड्रेन इनलेट मिसमैच है। उसके लिए दोनों विभाग मिलकर काम करें।
वही अधिकारियों को ड्रेनेज सिस्टम की तर्ज पर छोटे सीवरेज नेटवर्क की सफाई भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। पर्यावरण मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में अधिकारियों को ऐसा संज्ञान में आया है कि शहर में विभिन्न सेक्टरों व रिहायशी क्षेत्रों में पीने के पानी को पार्क सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में अधिकारी दोषी व्यक्तियों पर नियमानुसार कार्रवाई कर अन्य लोगों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करें। राव नरबीर सिंह ने नगर निगम क्षेत्र में स्थित 41 माइक्रो एसटीपी प्लांट की कार्यप्रणाली की मौजूदा स्थित की रिपोर्ट तलब करते हुए क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अगले 15 दिन में सभी एसटीपी की जांच करवाएं। इसके साथ ही जिन औधोगिक इकाइयों में एसटीपी का रखरखाव नही किया जा रहा, उन पर एफआईआर करवाने की दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने निगम अधिकारियों से कहा कि निगम क्षेत्र में जो भी गैर कार्यात्मक बूस्टर है उनको निर्धारित समय में चालू कराएं।
बैठक में जीएमडीए के अधिकारियों ने कैबिनेट मंत्री को जल भराव के उपायों की प्रगति से अवगत कराते हुए बताया कि स्टॉर्म वाटर ड्रेन में अभी 12 किलोमीटर क्षेत्र में डिसिल्टिंग का काम जारी है जोकि 30 जून से पहले पूरा कर लिया जाएगा। लेग 2 में भी सफाई के नए काम का अवार्ड किया गया है। इसी प्रकार सीवरेज सिस्टम की सफाई में अभी तक 85 किलोमीटर नेटवर्क की सफाई की जा चुकी है व 11 किलोमीटर पर काम चल रहा है। जिसे निर्धारित अवधि में पूरा कर लिया जाएगा।। #newstodayhry @newstodayhry