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प्रॉपर्टी आईडी बदल कर करोड़ों की संपत्ति को बेचानगर निगम के दो अधिकारियों सहित सात के खिलाफ मुकदमा दर्जलोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति में भी कई मामले आ चुके हैं I I

प्रॉपर्टी आईडी बदल कर करोड़ों की संपत्ति को बेचानगर निगम के दो अधिकारियों सहित सात के खिलाफ मुकदमा दर्जलोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति में भी कई मामले आ चुके हैं I I

यमुनानगर- (मनदीप कौर) :- हरियाणा के यमुनानगर में प्रॉपर्टी आईडी बदल कर करोड़ों की संपत्ति को बेचा गया जिसमें नगर निगम के दो अधिकारियों सहित सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रॉपर्टी आईडी बदलने के कई मामले लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति में भी सामने आ चुके हैं। यमुनानगर के टैगोर गार्डन में करोड़ों की प्रॉपर्टी को कोर्ट स्टे के बावजूद बेचने का मामला सामने आया है। इस मामले में नगर निगम के दो अफसरों समेत पांच लोगों पर केस दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता फरीदाबाद के रहने वाले हैं, जिन्होंने आरोप लगाया कि उनकी प्रॉपर्टी को साजिश के तहत बेचा गया। इसके लिए सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई। शिकायत की जांच जब एडीसी ने की तो आरोपों की पुष्टि हुई। फरीदाबाद के रहने वाले योगेश शर्मा ने बताया कि टैगोर गार्डन स्थित में उनकी संपत्ति है। जिस पर पिछले साल सात मार्च को कोर्ट से स्टे मिला था। आरोप है कि इसके बावजूद टैगोर गार्डन निवासी विक्रम बक्सी और विशाल बक्सी ने पिछले साल ही पांच नवंबर को उक्त संपित्त को शशि देवी और शुभम सेठी को बेच दी गई। शिकायत में कहा गया कि पुरानी प्रॉपर्टी आईडी के स्थान पर फर्जी तरीके से नई आईडी बनवाई गई। पिछले साल ही 28 अक्टूबर की रात 8 बजकर 53 मिनट पर नई आईडी के लिए आवेदन किया गया। उसी रात नगर ​निगम के भवन निरीक्षक रामपाल मान ने दस्तावेज जांचे। मौके का निरीक्षण किया गया और 9 बजकर 46 मिनट पर सिफारिश भेज दी। पांच नवंबर को सहायक नगर योजनाकार आशीष छाछिया ने उसे मंजूरी दे दी। पीड़ित योगेश शर्मा ने बताया कि जबकि पहले से 140 गज की प्रॉपर्टी की आईडी मौजूद थी। नई आईडी सिर्फ 100 गज की बनाकर बेची गई। रजिस्ट्री दस्तावेजों में भी पुरानी आईडी का जिक्र था जो नगर निगम रिकॉर्ड में दर्ज था कि उस आईडी पर कोर्ट केस लंबित है। जांच में यह भी सामने आया कि तहसील से लिए गए हलफनामे में विक्रेताओं ने लिखा कि प्रॉपर्टी पर कोई स्टे या विवाद नहीं है। जबकि कोर्ट में केस लंबित था और स्टे लागू था। इस शिकायत की जांच एडीसी ने की तो जांच में साफ हुआ कि सरकारी रिकॉर्ड में जानबूझकर फर्जीवाड़ा किया गया। कोर्ट के स्टे के बावजूद प्रॉपर्टी बेची गई।। #NEWSTODAYHRY @NEWSTODAYHRY

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