महात्मा बुद्ध के बताए हुए अष्टांगिक मार्ग को यदि मनुष्य अपने जीवन में उतार लें तो वह स्वयं संत बन सकता हैं।।
महात्मा बुद्ध के बताए हुए अष्टांगिक मार्ग को यदि मनुष्य अपने जीवन में उतार लें तो वह स्वयं संत बन सकता हैं।


सिरसा -(अक्षित कम्बोज):- महात्मा बुद्ध के बताए हुए अष्टांगिक मार्ग को यदि मनुष्य अपने जीवन में उतार लें तो वह स्वयं संत बन सकता हैं और समाज को एक नई आध्यात्मिक दिशा देकर मनुष्य जाति का कल्याण कर सकता हैं। ये शब्द लायन्स क्लब सिरसा अमर के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रमेश साहुवाला ने स्थानीय ध्यान मंदिर में बुद्ध जयन्ती के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमें भगवान बुद्ध से प्रेरणा लेकर स्वयं को ध्यान योगी बनाकर अपने जीवन को सफल करना हैं तभी हम बंधनों से मुक्त होकर निश्चित ही आनन्द में जी सकेंगे। इस अवसर पर स्वामी रमेश साहुवाला ने कहा कि महात्मा बुद्ध ने हिंसा ना करने, जो अपने लिए लाभप्रद ना हो उसके बारे में उदासीन रहने, वासनाओं को पूरा ना करने, असत्य से दूर करने, मादक पदार्थों का सेवन ना करने, मन में द्वेष-भाव ना रखने, सम्पूर्ण चराचर सृष्टि पर नि:स्वार्थ प्रेम करना व सत्य ही वाणी का मकसद और सत्य ही धर्म का प्राण जैसे उपदेश देकर हमारे जीवन को धन्य किया। इसलिए हमारी पूरी सृष्टि उनकी आभारी हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा बुद्ध ध्यान योगी, ज्ञानी, नीतिगत मार्ग पर चलने वाले,मधुरभाषी, प्रेम की मूर्ति तथा लोगों के सुख-दुख में समरस होने वाले एक महान पुरुष थे। उन्होंने दुनिया को अहिंसा, करुणा और सम्पूर्ण विश्व को शांति का संदेश दिया था और उनके उपदेश आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं तथा उन्होंने दया, करुणा और परोपकार की शिक्षा पूरे विश्व में जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं।
महात्मा बुद्ध ध्यान योगी, ज्ञानी, नीतिगत मार्ग पर चलने वाले,मधुर भाषी, प्रेम की मूर्ति तथा लोगों के सुख-दुख में समरस होने वाले एक महान पुरुष थे।
उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म के प्रभाव से नये विचार पैदा हुए, मनुष्य की सम्पूर्ण वृत्तियों के विकास के बीज उगे, नई निष्ठा प्राप्त हुई, साहित्य, शिल्प आदि कलाओं को प्रोत्साहन मिला तथा आज भी अजन्ता एलोरा की गुफाओं की शिल्पा कृतियां अमर हैं। उन्होंने कहा कि हमें अहंकार को त्याग कर शांति का वरण करना चाहिए ताकि समूची मानवता से नफरत तथा हिंसा खत्म हो सकें। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से हमें अहिंसा, अच्छा आचरण, भाई-चारे और करुणा का पाठ पढ़ाया जो हम सभी का कल्याण करने की प्रेरणा देते हैं। श्री साहुवाला ने कहा जब महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ तो हिमालय की धवल शिखरें आईने की तरह चमक उठी, झरने, गिरी-कंदराओं से मतवाले होकर फूट पड़े, सारी सृष्टि धन-धान्य व फल-फूलों से लग गई और पूरा विश्व धन्य हो गया। उन्होंने कहा कि महात्मा बुद्ध का नाम केवल भारत में ही नहीं गूंज रहा हैं बल्कि उन द्वारा स्थापित बौद्ध धर्म संसार के विभिन्न देशों में फैला हुआ हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महात्मा बुद्ध द्वारा बताई गई ध्यान विधियों का प्रयोग अगर हम नियमित करें तो हम परमात्मा का अनुभव ही नहीं कर सकते बल्कि उसको प्राप्त किया जा सकता हैं। इस अवसर पर आए हुए श्रद्धालुओं को ध्यान-विधियां भी करवाई गई और उपस्थित महिलाओं को उपहार देकर महात्मा बुद्ध जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं दी गई। इस अवसर पर डिम्पल, मुस्कान, निशु सोनी, चांदनी, भावना, लक्ष्मी, धापा देवी, गीतू रानी, ममता रानी, पिंकी, संतोष रानी, शकुंतला देवी, मंजु रानी एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।। #newstodayhry @newstodayhry