फरीदाबाद :- (शिवम शर्मा) :- फरीदाबाद विधानसभा चुनाव में युवा, व्यस्क, बुजुर्गों, महिलाओं व ट्रांसजेंडर सहित दिव्यांगजन करेंगे मताधिकार का प्रयोग भाग लेंगे 17 लाख 94 हजार 552 वोटर । हरियाणा विधानसभा चुनाव में फरीदाबाद जिला की छह विधानसभा सीटों पर 17 लाख 94 हजार 552 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे, जिसमें युवा, व्यस्क, बुजुर्ग, महिलाएं व ट्रांजेंडर सहित दिव्यांगजन मतदाता शामिल है :-
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी विक्रम सिंह ने फरीदाबाद जिला में मतदाताओं के बारे में निर्वाचन आयोग के आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया कि जिला के 85-पृथला विधानसभा क्षेत्र में 01 लाख 20 हजार 479 पुरूष, एक लाख 05 हजार 717 महिलाएं व छह ट्रांसजेंडर सहित कुल दो लाख 26 हजार 202 मतदाता हैं। इसी प्रकार 86-एनआईटी विस क्षेत्र में 01 लाख 77 हजार 619 पुरूष, 01 लाख 43 हजार 528 महिलाएं व 12 ट्रांसजेंडर वोटर सहित कुल 3 लाख 21 हजार 159 मतदाता हैं। 87-बड़खल विधानसभा क्षेत्र में 01 लाख 79 हजार 01 पुरूष, 01 लाख 53 हजार 100 महिलाएं व 24 ट्रांसजेंडर सहित 3 लाख 32 हजार 125 मतदाता हैं। 88-बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 01 लाख 51 हजार 863 पुरुष, एक लाख 22 हजार 875 महिलाएं एवं 05 ट्रांसजेंडर समेत 2 लाख 74 हजार 743 मतदाता हैं। 89-फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र में 01 लाख 42 हजार 221 पुरूष, 01 लाख 23 हजार 640 महिलाएं एवं 08 ट्रांसजेंडर सहित 2 लाख 65 हजार 869 मतदाता हैं। वहीं 90-तिगांव विधानसभा विस क्षेत्र में 02 लाख 05 हजार 321 पुरुष, एक लाख 69 हजार 108 महिलाएं एवं 25 ट्रांसजेंडर सहित 3 लाख 74 हजार 454 मतदाता हैं।
युवा भी निभाएंगे लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा :-
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि 18-19 आयु वर्ग के विधानसभा चुनाव में 85-पृथला विधानसभा क्षेत्र से 3311 पुरुष, 1540 महिलाओं सहित कुल 4851 युवा मतदाता हैं। इस प्रकार विधानसभा क्षेत्र 86-एनआईटी में 4272 पुरुष, 2401 महिलाओं सहित कुल 6673 युवा मतदाता हैं। 87-बड़खल विधानसभा में 4144 पुरुष, 2672 महिलाएं और 03 ट्रांसजेंडर सहित 6819 युवा मतदाता है। जिला के 88-बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 3446 पुरुष, 2165 महिलाएं कुल 5611 युवा मतदाता है। इसी तरह 89-फरीदाबाद विधानसभा में 2956 पुरुष और 2238 महिलाएं कुल 5194 युवा मतदाता हैं। 90-तिगांव विधानसभा में 5201 पुरुष, 3295 महिलाएं और 01 ट्रांसजेंडर सहित 8497 युवा मतदाता हैं।
दिव्यांगजन भी निभाएंगे लोकतंत्र में भागीदारी :-
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 85-पृथला विधानसभा क्षेत्र से 820 पुरुष, 555 महिलाएं और 01 ट्रांसजेंडर सहित एक हजार 376 दिव्यांगजन मतदाता है। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र 86-एनआईटी में 1566 पुरुष और 1058 महिलाएं कुल दो हजार 624 दिव्यांग मतदाता है। वहीं 87-बड़खल विधानसभा में 990 पुरुष, 820 महिलाएं और 01 ट्रांसजेंडर सहित एक हजार 811 दिव्यांग मतदाता हैं। जिला के 88-बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 1021 पुरुष और 692 महिलाएं कुल 1713 दिव्यांग मतदाता है। इसी तरह 89-फरीदाबाद विधानसभा में 773 पुरुष और 634 महिलाओं सहित कुल 1407 दिव्यांग मतदाता हैं। वहीं 90-तिगांव विधानसभा में 1828 पुरुष, 1327 महिलाएं और 02 ट्रांसजेंडर सहित 3157 दिव्यांग मतदाता हैं। जिला फरीदाबाद में कुल 12088 दिव्यांग मतदाता हैं। फरीदाबाद की 90 तिगांव विधानसभा की सीट पर यदि मुकाबले की बात करें तो इसी सरकार में विधायक रहे बीजेपी के प्रत्याशी राजेश नागर को निर्दलीय प्रत्याशी ललित नागर सीधी टक्कर दे रहे है । बता दें की अंतिम लिस्ट में कांग्रेस ने ललित नागर की टिकट काट कर रोहित नागर को दे दी थी ललित नागर पूर्व को कांग्रेस सरकार में विधायक भी रह चुके है। फरीदाबाद 89 में बीजेपी प्रत्याशी विपुल गोयल और कांग्रेस के प्रत्याशी लखन कुमार सिंगला में कांटे की टक्कर मानी जा रही है। बता दें की 2014 में बीजेपी की पहली बार विपुल गोयल को टिकट मिली थी जिसके बाद उन्होंने जीत हांसिल की थी और बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे लेकिन 2019 में उनकी टिकट काट कर नरेंद्र गुप्ता को दे दी गई थी और नरेंद्र गुप्ता चुनाव जीत गए थे।लेकिन इस बार फिर से बीजेपी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल को टिकट देकर मैदान में उतारा है तो वहीं लखन कुमार सिंगला को दो बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस ने लखन कुमार सिंगला पर ही दाव खेला है। बता दें की लखन कुमार सिंगला दो बार चुनाव हारने के बाद भी लोगों के बीच में बने रहे लेकिन टिकट न मिलने के बाद विपुल गोयल लोगों बीच में नजर नहीं आए दोनों नेताओं में इसी अंतर को देखते हुए लखन कुमार सिंगला का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। 88 बल्लभगढ़ में तीसरी बार के बीजेपी प्रत्याशी और कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा और निर्दलीय प्रत्याशी शारदा राठौर में टक्कर मानी जा रही है । बता दें की शारदा राठौर की भी कांग्रेस ने अंतिम लिस्ट में टिकट काट दी थी अंतिम समय में टिकट कटने के बाद ललित नागर की तरह से शारदा राठौर का रोने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था इसी के चलते शारदा राठौर को लोगों की सहनुभति मिल रही है । गौरतलब है की शारदा राठौर भी पूर्व की कांग्रेस सरकार में विधायक और संसदीय सचिव रह चुकी हैं। फिलहाल मूलचंद शर्मा की शारदा राठौर से रेस में आगे चल रहे है यदि मूलचंद शर्मा को नुकसान हुआ तो 10 से सत्ता में रहने के चलते एंटी इनकंबेंसी का नुकसान उठाना पड़ सकता है। एनआईटी 86 विधानसभा में पूर्व विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा ,बीजेपी प्रत्याशी सतीश कुमार फागना और इनेलो बसपा गठबंधन के प्रत्याशी नागेंद्र भड़ाना के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है। बता दें की नीरज शर्मा मौजूदा विधायक थे जिन्हे कांग्रेस ने दोबारा टिकट देकर मैदान में उतारा है तो वहीं नागेंद्र भड़ाना भी 2014 में इनेलो की टिकट पर चुनाव लडे और जीत हासिल की थी लेकिन बीजेपी की टिकट पर वह 2019 में चुनाव हार गए थे। इस बार भी नागेंद्र भड़ाना बीजेपी से टिकट मांग रहे थे लेकिन बीजेपी ने भी अंतिम लिस्ट में उनकी टिकट काट दी जिसके चलते उन्होंने इनेलो बसपा गठबंधन की टिकट लेकर अपना नमंकन दाखिल किया और चुनाव लड़ रहे है। नागेंद्र भड़ाना का स्वभाव मिलनसार है वह लोगों से चुनाव हारने के बाद भी जुड़े रहे इसी की सहानुभूति नागेंद्र भड़ाना को मिल रही है। वहीं नीरज शर्मा कांग्रेस के विधायक होने के नाते पूरे पांच साल विकास कराने के लिए सरकार से लड़ते रहे यहां तक की वह फरीदाबाद नगर निगम में हुए 200 करोड़ के घोटाले को लेकर नंगे पांव रहे और विकास के लिए सरकार से रुपयों की मांग को कफन रूपी वस्त्र भी पहनने पड़े लेकिन एनआईटी 86 में विकास नहीं हुआ इसी का खामियाजा इस बार नीरज शर्मा को भुगतना पड़ सकता है। वही बीजेपी प्रत्याशी सतीश कुमार फागना को बीजेपी ने पहली बार टिकट देकर मैदान में उतारा है लेकिन उनके साथ बीजेपी की वोट और बीजेपी कार्यकर्ताओं और बड़े बड़े नेताओं का साथ और उनका आशीर्वाद है उनके प्रचार के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के साथ साथ प्रधान मंत्री मोदी भी आकर वोट की अपील कर चुके हैं। 87 बड़खल विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी और बीजेपी के प्रत्याशी के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है बता दें की यहां पर कांग्रेस ने दूसरी बार विजय प्रताप को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है । गौरतलब कि 2019 में लगभग 3000 वोटो से विजय प्रताप पूर्व शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा से चुनाव हार गए थे । वहीं इस बार बीजेपी ने सीमा त्रिखा की टिकट को काटकर मेडिकल काउंसिल के चेयरमैन धनेश अदलखा को टिकट देकर बड़खल से चुनाव मैदान में उतारा है । धनेश अदलखा फरीदाबाद 89 विधानसभा से आते हैं इसलिए उन्हें बाहरी प्रत्याशी माना जा रहा है लेकिन वह पंजाबी समुदाय से आते हैं और बड़खल विधानसभा में लगभग सवा लाख वोटपंजाबियों की है यदि उन्हें पंजाबी होने का फायदा मिला तो वह भी सीट निकाल सकते हैं इसीलिए कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रताप और धनेश अदलखा के बीच कांटे की टक्कर माने जा रही है। फरीदाबाद के 85 पृथला विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी ट्रैक्टर शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी रघुवीर तेवतिया के बीच में कड़ी टक्कर मानी जा रही है। बता दें की 2019 में निर्दलीय चुनाव जीतकर यहां से नयन पाल रावत ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया था 2014 में बसपा की टिकट पर जीत हासिल कर टेक चंद शर्मा ने 2014 में बीजेपी सरकार को अपना समर्थन दिया था 2019 में टेक चंद शर्मा टिकट मांग रहे थे लेकिन बीजेपी ने एक नए चेहरे को टिकट देकर मैदान में उतारा था इस बार लोकसभा चुनाव में टेकचंद शर्मा ने बीजेपी के प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर को लेकर कई विवादित टिप्पणी की थी और बीजेपी का प्रचार प्रसार न करने की बात कही थी लेकिन बावजूद इसके बीजेपी ने टेक चंद शर्मा को टिकट देकर मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा कार्यकर्ता दीपक डागर की टिकट पक्की मानी जा रही थी उन्हें भी बीजेपी ने टिकट नहीं दी दूसरी ओर निर्दलीय चुनाव जीत कर नयन पाल रावत ने बीजेपी को समर्थन किया था वह भी टिकट मांग रहे थे लेकिन नयन पाल रावत को भी टिकट नहीं दी गई इसके चलते दोनों प्रत्याशी अब चुनाव मैदान में है जिनमें नयन पाल रावत निर्दलीय तो दीपक डागर जेजेपी और एसपी के समर्थित उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।। @newstodayhry #newstodayhry