बिहार की नाजदा खातून का हस्तशिल्प बना आकर्षण का केंद्र।।
बिहार की नाजदा खातून का हस्तशिल्प बना आकर्षण का केंद्र।।
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फरीदाबाद-(शिवम शर्मा):- हर साल की तरह इस बार भी सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में देशभर के शिल्पकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मेले में बिहार के मधुबनी जिले की नाजदा खातून की कलाकृतियाँ खास आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। घास और खजूर के पत्तों से बनी उनकी डलिया, पर्स, गुड़िया, चूड़ियाँ, राधा-कृष्ण की मूर्तियाँ और अन्य हस्तनिर्मित सामान लोगों को खूब लुभा रहे हैं। नाजदा खातून बताती हैं कि उन्होंने यह कला 12 साल की उम्र में अपनी दादी से सीखी थी। साथ ही उन्होंने सिलाई का काम भी सीखा, लेकिन उनकी रुचि हस्तशिल्प में बनी रही। शुरुआती दिनों में उनके बनाए सामान की ज्यादा बिक्री नहीं होती थी, जिससे आर्थिक तंगी बनी रही। परिवार की मजबूरियों के चलते उनकी शादी कम उम्र में ही कर दी गई, लेकिन उन्होंने अपनी इस कला को नहीं छोड़ा। उनके पति एक रिक्शा चालक थे, जिससे घर की स्थिति और खराब हो गई।
हस्तशिल्प का काम शुरू किया
“एक दिन गुस्से में आकर खुद की बनाई काली माता की मूर्ति तोड़ दी थी, लेकिन फिर सोचा कि इस कला को नहीं छोड़ना चाहिए। 2011 से उन्होंने अपने हस्तशिल्प का काम पूरी तरह शुरू किया और 2015 में उनकी मेहनत रंग लाई, जब उन्हें अपनी कला के लिए स्टेट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्होंने अपने पति को रिक्शा छोड़कर इस काम में हाथ बंटाने के लिए प्रेरित किया और उन्हें भी यह कला सिखाई। स्टेट अवॉर्ड मिलने के बाद नाजदा खातून को सरकार की ओर से अपनी कला को आगे बढ़ाने का अवसर मिला। उन्होंने करीब 5000 विद्यार्थियों को इस पारंपरिक हस्तशिल्प की ट्रेनिंग दी और उन्हें आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई। वहीं क्राफ्ट एंड कल्चर डिपार्टमेंट में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उन्हें देशभर के विभिन्न शहरों में अपनी कला प्रदर्शित करने का मौका मिलने लगा। नाजदा खातून पिछले तीन वर्षों से सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में अपनी प्रदर्शनी लगा रही हैं। यहाँ उनके बनाए हस्तशिल्प की अच्छी बिक्री होती है, जिससे उनका परिवार सुचारू रूप से चल रहा है।। #newstodayhry @newstodayhry