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फरीदाबाद-(शिवम शर्मा):- लोहड़ी का पर्व बड़ी धूमधाम से बनाया गया। यह खुशी का त्यौहार पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर सहित उत्तर भारतीय राज्यों में मनाया जाता है। लोहड़ी का सांस्कृतिक महत्व है क्योंकि यह एक एकजुटता की शक्ति के रूप में कार्य करता है, लोगों को एक साथ लाता है। लोहड़ी भारत में सबसे ज़्यादा मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। खास तौर पर देश के उत्तरी भागों में इसी को लेकर बाजारों में किस तरह से खरीदारी देखने को मिल रही है। दुकानदार से बातचीत की तो उन्होंने बताया की लोहड़ी के पर्व को लेकर लोग मूंगफली, रेवड़ी, गज्जक, जैसी चीजों को जमकर खरीदारी कर रहे हैं। वहीं लोगों ने बताया कि आज भी लोहड़ी का त्योहार भव्य और जीवंत बना हुआ है। शाम को लोग आग जलाकर लोकगीत गाते हैं, भांगड़ा और गिद्दा जैसे पारंपरिक नृत्य करते हैं और गुड़ रेवड़ी बांटते हैं। तिल, गुड़, पॉपकॉर्न और मूंगफली जैसी चीज़ों को आभार के तौर पर अग्नि में डाला जाता है। इस अवसर पर मक्की की रोटी, सरसों का साग, तिल के लड्डू, गज्जक और रेवड़ी तैयार किए जाते हैं। नवजात शिशुओं और नवविवाहितों वाले परिवारों के लिए लोहड़ी का विशेष महत्व होता है। शिशु या विवाहित जोड़े के लिए पहली लोहड़ी विस्तृत अनुष्ठानों, आशीर्वाद और समारोहों के साथ मनाई जाती है। परिवार नए सदस्यों के लिए समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशी की कामना करते हैं।। #newstodayhry @newstodayhry