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किसी दूसरे धर्म को परिवर्तन करके अपनाने की बजाय अपने धर्म में रहना ही श्रेष्ठ:- स्वामी नलिनानंद।।

किसी दूसरे धर्म को परिवर्तन करके अपनाने की बजाय अपने धर्म में रहना ही श्रेष्ठ:- स्वामी नलिनानंद

रानियां-(विरेन्द्र मलेठिया):- रानियां में अमेरिका से पधारे संत स्वामी नलिनानंद ने कहा कि अगर हमारे देश के हर घर में सनातन धर्म व वैदिक संस्कृति के प्रति संस्कार व संस्कृारित शुरू हो जाए तो भारत जल्द ही विश्व गुरु बन जाएगा। स्वामी नलिनानंद गांव ओटू में राज सिंह राठौर के घर पधारे और परिवार के लोगों को अपना आशीर्वाद दिया। स्वामी नलिनानंद ने राठौर परिवार की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्कार, सभ्यता और संस्कृति की पहचान के मामले में यह परिवार सर्वश्रेष्ठ है। वहां उपस्थितजनों को प्रवचन करते हुए स्वामी नलिनानंद ने कहा कि श्रीमद् भागवत में स्पष्ट है कि सु धर्म में रहना ही श्रेष्ठ है, किसी दूसरे धर्म को अपनाने की बजाय। इसके लिए उन्होंने सिख धर्म का उदाहरण देते हुए कहा कि सिखों के नवें व दसवें गुरु ने अपने प्राण त्याग दिए पर धर्म परिवर्तन की बात नहीं स्वीकारी। गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने दो लाल धर्म की रक्षा के लिए न्योछावर कर दिए। तो आज हमें उन लोगों से सीखना होगा। आज लोग धन, नौकरी व इमीग्रेशन के लालच में आकर धर्म परिवर्तन कर रहे हैं जो कि सरासर गलत है। हम सभी को सजग व सशक्त होकर इस क्षेत्र में काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सनातनी संतों की यह बहुत बड़ी कमी है कि वह अपने धर्म के प्रति सजगता नहीं ला पा रहे हैं। अगर धर्म परिवर्तन करवाने वाले लोग प्रलोभन दे सकते हैं तो सनातनी संत इस दिशा में पैसा क्यों नहीं खर्च सकते यह किसी को प्रलोभन में बांधने का विषय नहीं है, अपने धर्म के प्रति सजगता लाने के लिए हमें इस दिशा में आगे बढ़ाने की जरूरत है । उन्होंने बताया कि पंजाब के अंदर धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए उन्होंने काम शुरू कर दिया है। स्वामी नलिनानंद ने बताया कि भारत अब जिन मुद्दों से जूझ रहा है विदेश उन चीजों से आगे निकल गया है। उन्होंने कहा कि मैं जब भी भारत में आता हूं देखता हूं कि यहां घरों में काम करने के लिए लोगों ने नौकर रखे हुए हैं जबकि विदेशों के अंदर ऐसा नहीं है विदेश में हर व्यक्ति अपना काम खुद करते हैं। उन्होंने बताया कि मैं पिछले 13 वर्षों से अमेरिका में रह रहा हूं वहां स्वावलंबी जीवन जी रहा हूं मुझे उसमें बहुत आनंद आता है। जब हम अपना कार्य खुद करेंगे तो हमारा शरीर भी स्वस्थ रहेगा और बीमारी भी नहीं आती है।इसीलिए अपने कार्य को करने के लिए सजगता आनी चाहिए, हमें व्यवहारिक जीवन जीना चाहिए। बीमारी तभी हमें जकड़ लेती है जब हम अपने शरीर से काम नहीं लेते हैं। उन्होंने कहा कि भारत को भी इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए लोगों को अपना काम समय करने के लिए प्रेरित होना चाहिए दूसरों पर निर्भरता नहीं होनी चाहिए।। #newstodayhry @newstodayhry

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